Top latest Five baglamukhi shabar mantra Urban news

The shabar mantra is usually a sort of mantra chanting in Indian mystical tradition. It can be derived in the Hindi language which is noted for its simplicity and success. Shabar mantras are considered to have enormous electrical power and can be employed in therapeutic and fulfilling dreams.

ॐ ह्रीं क्लीं क्लीं चमुण्डायै विच्चे। ज्वालामालिनी आद्यायै नमः॥

These mantras were being usually recited with deep religion and devotion, believing they experienced the facility to provide optimistic variations in everyday life.

वज्रारि-रसना-पाश-मुद्गरं दधतीं करैः । महा-व्याघ्रासनां देवीं, सर्व-देव-नमस्कृताम् ।।३

नानाभरण-भूषाढ्यां, स्मरेऽहं बगला-मुखीम्।।



ऋषि श्रीदुर्वासा द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

Vedic mantras have been praised a good deal from the theology of Sanatan tradition. Describing mantras as divine speech, it has been informed about the upliftment of everyday living by chanting them.

मध्ये-सुधाब्धि मणि-मण्डित-रत्न-वेद्याम् । सिंहासनोपरि-गतां परि-पीत वस्त्राम्॥

जिह्वाग्रमादाय कर-द्वयेन, छित्वा दधन्तीमुरु-शक्ति-युक्तां।

गम्भीरां च मदोन्मत्तां, स्वर्ण-कान्ति-सम-प्रभाम् । चतुर्भुजां त्रि-नयनां, कमलासन-संस्थिताम् ।।

पिङ्गोग्रैक-सुखासीनां, मौलावक्षोभ्य-भूषिताम् । प्रज्वलत्-पितृ-भू-मध्य-गतां दन्ष्ट्रा-करालिनीम्।

भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की; जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है॥ सहज और सरल भाषा में रचित ये मत्रं अत्यधिक विशेष प्रभाव शाली है। तत्रं विघा को जानने वाले शाबर मंत्रों का विशेष महत्व जानते हैं अत्यधिक प्रभाव शाली माँ पिताम्बरा बगलामुखी के यह मत्रं अपने आप में चमत्कृत click here है। यदि किसी व्यक्ति विशेष के कारण शत्रु पग-पग पर कष्ट देते है उस पर हावी होते है, तथा हर प्रकार से नीचा दिखाने की चेष्टा करते हों, या षड्यंत्र करके पुलिस कोर्ट कचहरी में फसा देते है तब उसे बगलामुखी दिक्षा उपरांत शाबर मंत्र की साधना करनी चाहिए। यदि किसी के शत्रु अस्त्र आदि लेकर सामने आते हों और उसके सामने प्राण का संकट खड़ा हो जाता हो तथा कोई उसकी जीविका को व्यापार को तत्रं द्वारा नष्ट बंधन प्रयोग कर रहा है तब शत्रुओं को उनके बाल प्रभाव नष्ट करना चाहिए ,जब कोई असाहय हो या सब तरफ से शत्रुओं में घिर जाए और उसे बचने का कोई उपाय न सूझे, तो ऐसी भयंकर विपत्ति में ही बगलामुखी साधना करनी चाहिए क्योंकि।

ऊँ श्री हृीं ऐं भगवती बगले मे श्रियं देहि-देहि स्वाहा।।

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